Arya Samaj Marriage 10 Amazing Benefits

आर्य समाज विवाह एक सरल और वैदिक रीति-रिवाजों पर आधारित विवाह प्रक्रिया है, जिसे Swami Dayananda Saraswati द्वारा स्थापित आर्य समाज द्वारा प्रोत्साहित किया गया। यह विवाह जात-पात, दहेज और अन्य अनावश्यक सामाजिक कुरीतियों से मुक्त होता है। इस लेख में, हम What is Arya Samaj Marriage, इसके लाभ, कानूनी स्थिति, प्रमाणपत्र की वैधता और संपूर्ण प्रक्रिया पर चर्चा करेंगे।

ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष के समय Arya Samaj आंदोलन का उदय हुआ था। Arya Samaj Was Founded By Swami Dayananda Saraswati. Swami Dayananda Saraswati जी की ही विचार धरा का एक रूप है Arya Samaj Marriage. Swami Dayananda Saraswati का जन्म 1824 में गुजरात, भारत में हुआ था। वे वेदों के विद्वान और प्राचीन ग्रंथों की शिक्षाओं में बुहत विश्वास रखने वाले थे। स्वामी दयानंद सरस्वती अपने समय में हिंदू धर्म की स्थिति से असंतुष्ट थे। उन्हें लगता था की हिन्दू धर्म अपवित्र हो गया है। उन्होंने देखा कि विभिन्न अंधविश्वासों, प्रथाओं और रीति-रिवाजों के साथ हिंदू धर्म भ्रष्ट हो गया था, जिसका वैदिक शास्त्रों में कोई आधार नहीं था।

 

Arya Samaj Marriage
Arya Samaj Marriage

 

Arya Samaj Marriage 

आर्य समाज एक हिंदू सुधार आंदोलन है जिसकी स्थापना 19वीं शताब्दी के अंत में की गई थी। आर्य समाज वेदों के सिद्धांतों को बढ़ावा देने और हिंदू समाज में सुधार के उद्देश्य से की गई थी। Arya samaj mandir के महत्वपूर्ण योगदानों में से एक आर्य समाज विवाह है, जो वैदिक सिद्धांतों पर आधारित है। और समाज के बीच पति पत्नी में समानता और आपसी सम्मान को बढ़ावा देता है। आज की इस चर्चा में हम आर्य समाज विवाह के इतिहास, मान्यताओं और प्रथाओं के बारे में आपको बतायांएगे।

 

History of Arya Samaj Marriage

आर्य समाज विवाह एक साधारण समारोह या आम भासा में कहे तो एक रस्म है जो एक पुजारी और दो गवाहों की उपस्थिति में आयोजित किया जाता है। आर्य समाज विवाह का जो विचार था वह आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा पेश किया गया था । स्वामी दयानंद का मानना था कि पारंपरिक हिंदू विवाह समारोह अत्यधिक अनुष्ठानिक और महंगे होते है, और उन्होंने दहेज और जातिगत भेदभाव जैसी सामाजिक असमानताओं को बढ़ावा दिया जाता है। जो की हमारे समाज के लिए ठीक नहीं है।

स्वामी दयानंद ने पारंपरिक हिंदू विवाह समारोहों के दूसरे रस्ते के रूप में आर्य समाज विवाह की अवधारणा पेश की। आर्य समाज विवाह समारोह सरल है , सस्ता है, और पति पत्नी के बीच समानता और पारस्परिक सम्मान की अवधारणा को बढ़ावा देता है।

 

आर्य समाज विवाह की विशेषताएँ (Beliefs of Arya Samaj Marriage)

  1. मूर्ति पूजा नहीं होती – इसमें किसी भी प्रकार की मूर्ति पूजा या देवी-देवताओं की आराधना शामिल नहीं होती।
  2. जातिगत भेदभाव नहीं – विवाह किसी भी जाति, धर्म या सामाजिक पृष्ठभूमि के व्यक्तियों के बीच हो सकता है।
  3. समानता और पारस्परिक सम्मान – पति-पत्नी के बीच समानता, पारस्परिक सम्मान और सहयोग को महत्व दिया जाता है।
  4. तेज और सरल प्रक्रिया – यह विवाह पारंपरिक हिंदू विवाह की तुलना में कम समय लेता है और अत्यधिक अनुष्ठानों से मुक्त होता है।
  5. दहेज प्रथा का विरोध – इसमें दहेज या महंगे उपहारों का कोई स्थान नहीं होता।

 

आर्य समाज विवाह की प्रक्रिया (Arya Samaj Marriage Procedure)

Arya Samaj Marriage कराने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन किया जाता है:

  1. दस्तावेज़ों की आवश्यकताएँ:
    • जन्म प्रमाणपत्र / आधार कार्ड / वोटर आईडी (आयु प्रमाण हेतु)
    • पासपोर्ट साइज फोटो (6-8)
    • गवाहों के आधार कार्ड / आईडी प्रूफ
    • तलाक प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
    • धर्म परिवर्तन प्रमाण पत्र (यदि कोई गैर-हिंदू विवाह कर रहा है)
  2. विवाह समारोह:
    • विवाह समारोह में एक पुजारी द्वारा वैदिक मंत्रों का उच्चारण किया जाता है।
    • वर-वधू एक-दूसरे को माला पहनाते हैं।
    • सात फेरों के दौरान विवाह की शपथ ली जाती है।
    • विवाह के अंत में प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।
  3. विवाह प्रमाण पत्र (Arya Samaj Marriage Certificate):
    • विवाह के बाद, Arya Samaj Marriage Certificate Download किया जा सकता है।
    • यह प्रमाण पत्र कानूनी रूप से Hindu Marriage Act, 1955 के तहत मान्य होता है।
    • Arya Samaj Marriage Certificate Valid or Not? – हां, यह कानूनी रूप से मान्य है लेकिन इसे कोर्ट या SDM कार्यालय में पंजीकृत करवाना आवश्यक होता है।

 

Benefits of Arya Samaj Marriage

आर्य समाज एक हिंदू सुधार आंदोलन है जो नैतिक और नैतिक मूल्यों पर जोर देता है। आर्य समाज विवाह एक सरल और पारंपरिक हिंदू विवाह समारोह है जो Arya samaj mandir के सिद्धांतों और प्रथाओं का पालन करता है। Arya samaj marriage के प्रमुख लाभ कुछ इस प्रकार है

सादगी

एक आर्य समाज विवाह एक साधारण समारोह है जिसमें भव्य सजावट, महंगे अनुष्ठान या अत्यधिक खर्च शामिल नहीं होते हैं।

सस्ता

आर्य समाज विवाह एक किफायती विकल्प है क्योंकि समारोह सरल होते हैं और इसमें अत्यधिक खर्च की आवश्यकता नहीं होती है।

लैंगिक समानता

आर्य समाज विवाह लैंगिक समानता पर जोर देता है और महिलाओं या निचली जाति के व्यक्तियों के साथ भेदभाव नहीं करता है।

सामाजिक समरसता

आर्य समाज विवाह अंतर्जातीय विवाहों को प्रोत्साहित करके और दहेज प्रथा को हतोत्साहित करके सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देते हैं।

कानूनी मान्यता

एक आर्य समाज विवाह को कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त है और हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत पंजीकृत है।

अंतर धर्म  विवाह

आर्य समाज एक हिंदू और एक गैर-हिंदू के बीच अंतर-विवाह की अनुमति देता है, बशर्ते कि गैर-हिंदू साथी हिंदू रीति-रिवाजों और अनुष्ठानों का पालन करने के लिए सहमत हो।

तेज और कुशल

एक आर्य समाज विवाह समारोह आम तौर पर छोटा और कुशल होता है, जिसे पूरा करने में केवल कुछ घंटे लगते हैं।

सार्वभौमिक स्वीकृति

आर्य समाज विवाह पूरे भारत में स्वीकृत है और सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है।

पारंपरिक मूल्य

एक आर्य समाज विवाह समारोह पारंपरिक हिंदू मूल्यों और अनुष्ठानों का पालन करता है, जिसमें मालाओं का आदान-प्रदान, सात प्रतिज्ञाएं और पवित्र अग्नि शामिल हैं।

पुजारी की कोई आवश्यकता नहीं

आर्य समाज विवाह समारोह आर्य समाज समुदाय के किसी भी सदस्य द्वारा आयोजित किया जा सकता है, और इसके लिए पुजारी की उपस्थिति की आवश्यकता नहीं होती है।

क्या आर्य समाज विवाह कानूनी रूप से वैध है? (Is Arya Samaj Marriage Valid?)

  • हां, यह विवाह Hindu Marriage Act, 1955 और Special Marriage Act, 1954 के तहत मान्य है।
  • लेकिन कुछ कानूनी औपचारिकताओं के लिए इसे Marriage Registrar Office में पंजीकृत कराना आवश्यक होता है।
  • Is Arya Samaj Marriage Valid Without Registration? – तकनीकी रूप से नहीं, इसे अदालत में मान्यता दिलाने के लिए पंजीकरण अनिवार्य है।

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Conclusion

Arya samaj marriage एक सरल, सस्ता और सार्थक समारोह है जो वैदिक सिद्धांतों पर आधारित है और भागीदारों के बीच समानता और आपसी सम्मान की अवधारणा को बढ़ावा देता है। समारोह सामाजिक समानता को बढ़ावा देने में मदद करता है और जाति आधारित भेदभाव को समाप्त करता है। आंदोलन ने आर्य समाज विवाह की अवधारणा को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और कई व्यक्तियों को एक सरल और सार्थक विवाह समारोह का चयन करने के लिए प्रेरित किया है जो भागीदारों के बीच प्रेम, प्रतिबद्धता और आपसी सम्मान को बढ़ावा देता है।

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